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मंगलवार, 5 जून 2012

वृक्ष हैं तो जीवन है..

वृक्ष हैं तो जीवन है। वृक्षों के बिना धरती बंजर है। वृक्ष न सिर्फ धरती के आभूषण हैं बल्कि मानवीय जीवन का आधार भी हैं। वृक्ष हमें प्रत्यक्ष रूप से फल-फूल, चारा, कोयला, दवा, तेल इमारती लकड़ी के साथ जलाने की लकड़ी इत्यादि प्रदान करते हंै। वृक्ष से हमें वायु शुद्धीकरण, छाया, पशु प्रोटीन, आक्सीजन के अलावा भी कुछ ऐसी चीजें मिलती हैं जिन्हें प्राप्त करने के लिए हमें लाखों रूपये 15 लाख 70 हजार खर्च करने पड़ते। एक वृक्ष अपने जीवनकाल में जितनी वायु को शुद्ध करता है उतनी वायु को अप्राकृतिक रूप अर्थात मशीन से शुद्ध किया जाय तो लगभग 5 लाख रूपये खर्च करना पड़ेगा। इसी तरह वृक्ष छाया के रूप में 50 हजार, पशु-प्रोटीन चारा के रूप में 20 हजार, आक्सीजन के रूप में 2.5 लाख, जल सुरक्षा चक्र के रूप में 5 लाख एवं भूमि सुरक्षा के रूप में 2.5 लाख के साथ हमारे स्वस्थ जीवन के लिए कुल 15 लाख 70 हजार रूपये का लाभ पहुँचाता है।

पर आज का मानव इतना निष्ठुर हो चुका है कि वृक्षों के इतने उपयोगी होने के बाद भी थोड़े से स्वार्थ व लालच में उन्हें बेरहमी से काट डालता है। उसे यह भी याद नहीं रहता कि हमारे पूर्वजों ने वृक्षों को संतान की संज्ञा देते हुए इन्हें धरती का आभूषण बताया है। जरूरत है कि लोग इस मामले पर गम्भीरता से सोचें एवं संकल्प लें कि किसी भी शुभ अवसर पर वे वृक्षारोपण अवश्य करेंगे अन्यथा वृक्षों के साथ-साथ मानव-जीवन भी खतरे में पड़ जायेगा।

8 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

वृक्ष बहुत ही आवश्यक है..

कविता रावत ने कहा…

बहुत बढ़िया पर्यावरण के प्रति जागरूकता भरी प्रस्तुति ..आभार

Pallavi saxena ने कहा…

काश यह छोटी सी बात सब को समझ आजाए तो शायद हमारी यह धरती फिर से स्वर्ग बन जाये सार्थक प्रस्तुति... समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://mhare-anubhav.blogspot.co.uk/

VIJAY KUMAR VERMA ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....

Shahroz ने कहा…

पर्यावरण दिवस के बहाने सुन्दर सन्देश..उम्दा पोस्ट के लिए बधाई.

बेनामी ने कहा…

पर्यावरण पर आलेख के लिए धन्यवाद.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

Sundar soch..!!

विकास गुप्ता ने कहा…

आज के युग का सबसे बडा मुद्दा पर्यावरण है इसके प्रति जागरूकता जरूरी है